प्रस्तुति डॉ गजेंद्र सिंह तोमर,
प्रोफ़ेसर, इंदिरा गाँधी कृषि विश्व विद्यालय, कृषि महाविद्यालय, अंबिकापुर (छत्तीसगढ़)
हमारे देश की खाद्यान्न फसलों में धान का महत्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल से लेकर ५० के दशक तक धान की देशी किस्मों खेती प्रचलन में थी जिससे बहुत कम उत्पादन होता था. भारत में आई हरित क्रांति के फलस्वरूप धान की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों का उपयोग होने लगा जिससे देश में धान उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई. हरित क्रांति के ५ दशक बाद भी भारत के अनेक धान उत्पादक राज्यों में धान की औसत उपज निराशाजनक स्तर पर बनी हुई है। आप भी ६०-७० प्रतिशत किसान धान की देशी किस्मों का उपयोग कर रहे है जिनसे उन्हें बहुत कम उपज प्राप्त हो रही है. वास्तव में धान उत्पादन और उपज में तभी बढ़ोत्तरी होगी जब किसानों को उनकी भूमि एवं जलवायु के अनुसार नई-नई उन्नत किस्मों के बीज पर्याप्त मात्रा में और सही समय पर सुलभ हो। उन्नत किस्मों के बीज समय पर उपलब्ध न होने के कारण किसान स्वयं की फसल का बीज उपयोग करने विवश रहते है जिससे उन्हें बांक्षित उत्पादन नहीं मिल पाता है। यह सर्विदित है कि उन्नत किस्मों के प्रमाणित बीज प्रयोग करने से फसलोत्पादन में २० % से अधिक इजाफा होता है। इंदिरा गाँधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश की विभिन्न भू-जलवायविक परिस्थितिओं के अनुसार धान की विभिन्न किस्में
विकसित/अनुसंशित की है. अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार प्रदेश के किसानों को इनके उन्नत बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। धान की १० वर्ष या इससे अधिक समय से प्रचलित/लोकप्रिय किस्मे की प्रमुख विशेषताएं अग्र प्रस्तुत है.
असिंचित उच्च भूमि (अप-लैण्ड) हेतु अनुसंषित धान की प्रमुख किस्में और उनके गुणधर्म
10 वर्ष तक की उम्र वाली किस्में
असिंचित- उच्च भूमि
1.सम्लेश्वरी
: फसल अवधि 105-112 दिन, उपज क्षमता -30-40 क्विंटल/हेक्टर . यह शीघ तैयार होने वाली किस्म है जिसका
पौधा अर्ध बौना एवं दाना मध्यम पतला,
गंगई निरोधक एवं झुलसा रोग हेतु सहनशील,
ग्रीष्मकालीन खेती एवं सीधे बुवाई हेतु उपयुक्त. सूखा सहनशील किस्म है.
2.इंदिरा बारानी धन-1 : 111-115 एवं उपज क्षमता 30-40 मध्यम पतला दाना, बारानी खेती में उथली निचली भूमि हेतु उपयुक्त, सूखा के प्रति मध्यम सहनशील, तनाछेदक, ब्लाइट हेतु सहनशील
3 .सहभागी धान: फसल अवधि एवं 110-112 दिन एवं उपज क्षमता-30-40 लीफ ब्लास्ट के लिये रोगरोधिता
10 वर्ष से अधिक उम्र वाली किस्में
असिंचित- उच्च भूमि
1.कलिंगा-3: फसल अवधि 80-90 दिन एवं उपज क्षमता- 25-30 क्विंटल/हेक्टर अति हरूना, मध्यम ऊँचा
2.आदित्य: फसल अवधि 85-95दिन एवं उपज क्षमता 25-30 क्विंटल/हेक्टर है। अति शीघ्र तैयार होने वाली किस्म है जिसके पौधे अर्ध बौने होते है। यह ब्लास्ट प्रतिरोधी किस्म है
3. अन्नदा: फसल अवधि 100-110 दिन एवं उपज क्षमता -30-35 क्विंटल/हेक्टर . शीघ्र तैयार होने वाली, अर्ध बौनी तथा सूखा रोधी किस्म है जिसका दाना मोटाहोता है।
4. दन्तेश्वरी :100-105 दिन एवं उपज क्षमता 30-35 क्विंटल/हेक्टर, हरुना, अर्ध बौना, लम्बा पतला दाना, गंगई निरोधक, ग्रीष्मकालीन खेती हेतु उपयुक्त
5. पूर्णिमा: फसल अवधि 100-105 एवं उपज क्षमता 30-35 क्विंटल/हेक्टर . हरुना, अर्ध बौना, लम्बा पतला दाना, सूखा सहनशील
असिंचित मध्यम से भारी भूमि (मिड-लैण्ड) हेतु अनुषंसित किस्में और उनके गुण
10 वर्ष तक की उम्र वाली किस्में
असिंचित- निचली भूमि
1.इंदिरा बारानी धान-1: फसल अवधि 111-115 35-45 क्विंटल/हेक्टर, मध्यम पतला दाना, बारानी खेती में उथली
मध्य भूमि हेतु उपयुक्त, सूखा के प्रति मध्यम सहनशील, तनाछेदक, ब्लाइट हेतु सहनशील
2.सम्लेश्वरी : फसल अवधि 105-112 35-45 क्विंटल/हेक्टर, हरुना, अर्ध बौना, मध्यम पतला दाना, गंगई निरोधक एवं झुलसा रोग एवं सूखा हेतु सहनशील,
ग्रीष्मकालीन खेती सीधे बुवाई हेतु उपयुक्त
3. आई.आर.- 64: फसल अवधि 115-120 दिन एवं 40-45 क्विंटल/हेक्टर, बौना, लम्बा पतला दाना, सूखा निरोधक
3. आई.आर.- 64: फसल अवधि 115-120 दिन एवं 40-45 क्विंटल/हेक्टर, बौना, लम्बा पतला दाना, सूखा निरोधक
4. चन्द्रहासिनी: फसल अवधि 120-125 दिन एवं 40-45 क्विंटल/हेक्टर, अर्ध बौनी, लम्बा पतला दाना, गंगई निरोधक एवं भूरा माहो सहनशील,
निर्यात हेतु उपयुक्त
5. इंदिरा एरोबिक-1: फसल अवधि 115-120 दिन तथा उपज क्षमता 45-50 क्विंटल/हेक्टर, एरोबिक अवस्था हेतु अनुशंसित (आवश्यकता
पड़ने पर सिंचाई), नेक ब्लास्ट तथा पर्ण सड़न हेतु प्रतिरोधी
६.कर्मा मासुरी: फसल अवधि 125-130 दिन एवं 45-50 क्विंटल/हेक्टर अर्ध बौनी, मध्यम पतला दाना, खाने में उपयुक्त, गंगई निरोधक एवं झुलसा रोग सहनशील
७.आईजीकेव्ही आर.-1(इंदिरा राजेश्वरी): फसल
अवधि 120-125 एवं 45-50 क्विंटल/हेक्टर, अर्ध बौनी, लम्बा-मोटा दाना, पोहा एवं मुरमुरा के लिये उपयुक्त,
लीफ ब्लास्ट, गंगई, भूरा धब्बा हेतु मध्यम निरोधकता
८.आईजीकेव्ही आर.-2 (दुर्गेश्वरी): फसल
अवधि 130-135 एवं 45-50 क्विंटल/हेक्टर, लम्बा-पतला दाना, झुलसा रोग हेतु निरोधकता, शीथ ब्लाइट एवं शीथ राॅट हेतु मध्यम निरोधकता,
खाने में उपयुक्त
९.आईजीकेव्हीआर. 1244
(महेश्वरी): फसल अवधि 130-135 दिन एवं 45-50 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, लम्बा-पतला दाना, शीथ ब्लाइट एवं गंगई हेतु निरोधकता,भूरा माहो एवं तनाछेदक हेतु सहनशीलता खाने में उपयुक्त
10 वर्ष से अधिक उम्र वाली किस्में
असिंचित- मध्य भूमि
1.आई.आर. 36: फसल अवधि 115-120 दिन एवं उपज क्षमता 40-45 क्विंटल/हेक्टर बौनी, लम्बा पतला दाना, गंगई, ब्लास्ट, ब्लाइट के प्रतिसहनशील
2.आई.आर. 64: फसल अवधि 115-120 40-45 बौनी, लम्बा पतला दाना, झुलसन एवं झुलसा रोग के प्रति सहनशील
३.क्रान्ति: फसल अवधि 125-130 दिन एवं 45-50 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, बौनी, मोटा दाना, सूखा सहनशील, पोहा हेतु उपयुक्त, उच्च उपज क्षमता
४.महामाया: फसल अवधि 125-128 दिन एवं 45-55 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, बौनी,
मोटा दाना, पोहा हेतु उपयुक्त, गंगई निरोधक, उच्च उपज क्षमता
५.एम.टी.यू. 1010: फसल अवधि 112-115 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, अर्ध
बौना,
लम्बा पतला दाना
असिंचित निचली भूमि (लो-लैण्ड) हेतु अनुषंसित किस्में और उनके गुण
10 वर्ष तक की उम्र वाली किस्में
१. चन्द्रहासिनी: फसल अवधि 120-125 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, अर्ध बौनी, लम्बा पतला दाना, गंगई निरोधक एवं भूरा माहो सहनशील,
निर्यात हेतु उपयुक्त
२. कर्मा मासुरी: फसल अवधि 125-130 दिन एवं 45-50 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, अर्ध बौनी, मध्यम पतला दाना, खाने में उपयुक्त, गंगई निरोधक एवं झुलसा रोग हेतु सहनशील
३.आईजीकेव्ही आर.-1 (इंदिरा राजेश्वरी): फसल अवधि 120-125 दिन एवं 52-57 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर , अर्ध बौनी,
लम्बा-मोटा दाना, पोहा एवं मुरमुरा के लिये उपयुक्त,
लीफ ब्लास्ट, गंगई, भूरा धब्बा हेतु मध्यम निरोधकता वाली किस्म है।
४.आईजीकेव्ही (दुर्गेश्वरी) : फसल अवधि 130-135 दिन एवं 50-55 क्विंटल
दाना उपज /हेक्टर,लम्बा-पतला दाना, झुलसा रोग हेतु निरोधकता, शीथ ब्लाइट एवं शीथ राॅट हेतु मध्यम निरोधकता,
खाने में उपयुक्त
५.आईजीकेव्हीआर. 1244
(महेश्वरी): फसल अवधि 130-135 दिन एवं 50-55 क्विंटल दाना
उपज /हेक्टर, लम्बा-पतला दाना, शीथ ब्लाइट एवं गंगई हेतु निरोधकता,
भूरा माहो एवं तनाछेदक हेतु सहनशीलता खाने में उपयुक्त
६. एन.डी.आर. (नरेन्द्र धान)-8002: फसल अवधि 135-140 दिन एवं 50-55 क्विंटल दाना
उपज /हेक्टर लीफ ब्लास्ट के लिये प्रतिरोधी किस्म है।
७. जलदूबी : फसल अवधि 135-140 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर,ऊँची,
मध्यम पतला दाना, गंगई एवं झुलसा रोग हेतु निरोधक किस्म है।
८. स्वर्णा सब-1: फसल अवधि 140-150 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, सभी गुण स्वर्णा के समान, स्वर्णा के अलावा पानी से डूबने की स्थिति में भी सहन करने
की क्षमता रखती है
९. उन्नत सांबा मासुरी:
फसल अवधि 135-140 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर , अर्ध बौनी, मध्यम-पतला दाना, झुलसन रोग निरोधक किस्म है।
१०. इंदिरा सुगंधित धान-1: फसल अवधि 125-130 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना
उपज /हेक्टर,मध्यम पतला दाना, सुगंधित गंगई निरोधक, सूखा सहनशील किस्म है।
११. सम्पदा: फसल अवधि 135-140 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, अर्धबौना,
झुलसा हेतु निरोधक
10 वर्ष से अधिक उम्र वाली किस्में
अभया: फसल अवधि 120-125 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना
उपज /हेक्टर, बौनी, गंगई (बायो टाइप 1 एवं 4 के लिये प्रतिरोधी),ब्लास्ट प्रतिरोधी, लम्बा- बारीक दाना
क्रान्ति: फसल अवधि 125-130 एवं 45-50 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, बौनी,
पोहा एवं मुरमुरा हेतु उपयुक्त,
मोटा दाना, सूखा रोधी
महामाया: फसल अवधि
125-128 दिन एवं 45-55 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, उपरोक्त
समान एवं गंगई प्रतिरोधी
स्वर्णा: फसल अवधि 140-150 दिन एवं 40-45 क्विंटल दाना उपज /हेक्टर, बौनी,
मध्यम-पतला दाना एवं उच्च उपज क्षमता
एम.टी.यू.- 1001: फसल अवधि 130-135 दिन एवं 40-45 क्विंटल
दाना उपज /हेक्टर, मोटा दाना, अर्ध बौना
बम्लेश्वरी: फसल
अवधि 130-135 दिन एवं 45-55 क्विंटल दाना
उपज /हेक्टर,झुलसन रोग पर्ण प्रतिरोधिता, भूरा धब्बा हेतु सहनशील
सिंचित भूमि हेतु अनुषंसित किस्में और उनके गुण
10 वर्ष तक की उम्र वाली किस्में
चन्द्रहासिनी: फसल अवधि 120-125 दिन एवं 45-50 अर्ध बौनी,
लम्बा पतला दाना, गंगई निरोधक एवं भूरा माहो सहनशील,
निर्यात हेतु उपयुक्त
कर्मा मासुरी: फसल अवधि 125-130 दिन एवं 50-55 अर्ध बौनी, मध्यम पतला दाना, खाने में उपयुक्त, गंगई निरोधक एवं झुलसा रोग हेतु सहनशील
आईजीकेव्ही आर.-1(इंदिरा राजेश्वरी): फसल अवधि 120-125 दिन तथा 55-60 अर्ध बौनी, लम्बा-मोटा दाना, पोहा एवं मुरमुरा के लिये उपयुक्त, लीफ ब्लास्ट, गंगई, भूरा धब्बा हेतु मध्यम निरोधकता
आईजीकेव्ही आर.-2(दुर्गेश्वरी): फसल
अवधि 130-135 दिन एवं 55-60 लम्बा-पतला दाना, झुलसा रोग हेतु निरोधकता, शीथ ब्लाइट एवं शीथ राॅट हेतु मध्यम निरोधकता,
खाने में उपयुक्त
आईजीकेव्हीआर. 1244
(महेश्वरी): फसल अवधि 130-135 दिन एवं 55-60 लम्बा-पतला दाना, शीथ ब्लाइट एवं गंगई हेतु निरोधकता,
भूरा माहो एवं तनाछेदक हेतु सहनशीलता खाने में उपयुक्त
इंदिरा सुगंधित धान-1: फसल अवधि 125-130 दिन एवं 40-45 मध्यम पतला दाना, सुगंधित गंगई निरोधक, सूखा सहनशील
एन.डी.आर. (नरेन्द्र धान)-8002: फसल अवधि 135-140 दिन एवं 55-60 लीफ ब्लास्ट के लिये प्रतिरोधी
जलदूबी : फसल अवधि 135-140 दिन एवं 40-45 ऊँची, मध्यम पतला दाना, गंगई एवं झुलसा रोग
हेतु निरोधक
स्वर्णा सब-1: फसल अवधि 140-150 दिन एवं 50-55 सभी गुण स्वर्णा के समान, स्वर्णा के अलावा पानी से डूबने की स्थिति में भी सहन करने
की क्षमता
उन्नत सांबा मासुरी: यह किस्म 135-140 दिनमें तैयार होकर 40-45 क्विंटल प्रति हेक्टेयर दाना उपज देती है. इसके पौधे अर्ध बौने , मध्यम-पतला दाना, झुलसन रोग निरोधक किस्म है।
पी.के.व्ही. एच.एम.टी.: फसल
अवधि 130-135 दिन तथा 40-45 अर्ध बौना, पतला दाना
इसके अलावा सम्पदा, सी.आर. सुगंधित धान-907, सी.एन.आर.-2, एन.पी.-124-8 एवं रिचा जाति भी अनुशंसित की गई है।
10 वर्ष से अधिक उम्र वाली किस्में
१. आई.आर. 36: फसल अवधि 115-120 दिन तथा 45-50 बौनी, लम्बा पतला दाना, गंगई, ब्लास्ट, ब्लाइट के प्रति सहनशील
१. आई.आर. 36: फसल अवधि 115-120 दिन तथा 45-50 बौनी, लम्बा पतला दाना, गंगई, ब्लास्ट, ब्लाइट के प्रति सहनशील
२. आई.आर. 64: फसल अवधि 115-120 दिन एवं 45-50 बौनी,
लम्बा पतला दाना, झुलसन एवं झुलसा रोग के प्रति सहनशील
३. बम्लेश्वरी: फसल
अवधि 130-135 दिन एवं 55-60 जीवाणुजनित झुलसा रोग प्रतिरोधी
४. महामाया: फसल अवधि
125-128 दिन एवं 45-55 उपरोक्त समान एवं गंगई प्रतिरोधी
५. एम.टी.यू. 1010: फसल अवधि 112-115 दिन एवं 45-50 अर्ध बौना, लम्बा पतला दाना
६. एम.टी.यू. 1001: फसल अवधि
130-135 दिन एवं 55-60 मोटा दाना, अर्ध बौना
७. स्वर्णा : फसल अवधि 140-150 दिन एवं 50-55 बौनी, मध्यम-पतला दाना एवं उच्च उपज क्षमता
विशेष परिस्थितियों के लिये धान की उपयुक्त किस्में
1.गंगई प्रभावित क्षेत्र: सम्लेश्वरी,
कर्मा मासुरी, चन्द्रहासिनी, जलदूबी, आई.जी.के.व्ही. आर.-1 (राजेश्वरी), आई.जी.के.व्ही. आर.-2 (दुर्गेश्वरी), आई.जी.के.व्ही. आर.-1244 (महेश्वरी), महामाया, दन्तेश्वरी
2.ब्लास्ट प्रभावित क्षेत्र:आई.आर.-64,
चन्द्रहासिनी, कर्मा मासुरी, आई.जी.के.व्ही. आर.-2 (दुर्गेश्वरी), आई.जी.के.व्ही. आर.-1244 (महेश्वरी)
3.जीवाणुजनित झुलसा प्रभावित क्षेत्र: बम्लेश्वरी
4.करगा प्रभावित क्षेत्र: आई.जी.के.व्ही.
आर.-1
(राजेश्वरी),
महामाया, श्यामला
5.जल निकास की समस्या वाला बहरा क्षेत्र: स्वर्णा
सब-1,
जलदूबी, बम्लेश्वरी
नोट: कृपया इस लेख को लेखक की अनुमति के बिना अन्य किसी पत्र-पत्रिकाओं या इंटरनेट पर प्रकाशित करने की चेष्टा न करें। यदि आपको यह लेख प्रकाशित करना ही है तो ब्लॉगर को सूचित करते हुए लेखक का नाम और संस्था का नाम अवश्य दें एवं प्रकाशित पत्र-पत्रिका की एक प्रति लेखक को जरूर भेजें।
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