आज हमने अन्य राष्ट्रिय और अंतराष्ट्रीय दिवसों की भाँती विश्व कपास दिवस (World Cotton Day) मनाने की औपचारिकता पूरी कर ली है. इस वर्ष विश्व कपास दिवस 2022 का मुख्य विषय 'वीविंग अ बेटर फ्यूचर फॉर कॉटन या "कपास के लिए एक बेहतर भविष्य बुनना" रखा गया है, जो हमें आने वाले समय में कपास की उपज और गुणवत्ता को टिकाऊ बनाये रखने का आव्हान करता है.
संसार में सबसे अधिक कपास पैदा करने वाले देशों में भारत का नाम दर्ज है और कपास निर्यातक देशों में भी हम तीसरे स्थान पर है. भारत में अनुमानित 60 लाख कपास किसान हैं और 40-50 मिलियन लोगों की रोजी रोटी कपास प्रसंस्करण और व्यापार संबंधित गतिविधियों में लगे हुए हैं। विश्व प्रसिद्ध ब्रांड के जींस, डेनिम, लेवी आदि कपास का उपयोग करते है. अमेरिका सहित अधिकांश राष्ट्र बैंक नोट बनाने में 75 % कपास और 25 % लिनन के मिश्रण का उपयोग करते है. कपास एक बहुउद्देशीय व्यवसायिक फसल है जिससे कपड़ा उद्योग को कच्चा माल, पशुपालन के लिए बिनौला, चिकित्सा, गद्दे, तकिये आदि हेतु रुई, खाध्य तेल आदि उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है. इसका अर्थ हुआ की देश की अर्थव्यवस्था में कपास का महत्वपूर्ण स्थान है. हमारे देश में कपास की प्रति इकाई उपज अन्य विकसित देशों से कम है. कपास की उपज बढ़ने से किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी और इसके लिए सरकार के सम्बंधित विभागों को कपास की उन्नत किस्म के बीज, खाद एवं दवाएं समय पर उपलब्ध कराने के साथ-साथ कपाज उपज खरीदने के पुफ्ता इनजाम करने होंगे. किसानों को कपास उत्पादन की आधुनिक विधाओं से परिचित करना होगा, उन्हें शिक्षित प्रिशिक्षित करना होगा. किसानों की समृद्धि पर ही राष्ट्र की तरक्की निर्भर करती है. विश्व कपास दिवस पर देश के सभी किसानो, कृषि वैज्ञानिकों एवं कपड़ा उद्योग से जुड़े सभी नागरिकों एवं उपभोक्ताओं को हार्दिक भधाई प्रेषित करता हूँ.
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