स्वाद
और सेहत के लिए उम्दा काले टमाटर और
लाल
भिन्डी की खेती से धन वर्षा
डॉ.गजेन्द्र सिंह
तोमर,
प्रमुख वैज्ञानिक
(सस्य विज्ञान)
इंदिरा गाँधी कृषि
विश्वविद्यालय, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, महासमुंद (छत्तीसगढ़)
भारत में उगाई जाने वाली पौष्टिक सब्जियों में टमाटर एवं भिन्डी का महत्वपूर्ण स्थान है। टमाटर में कार्बोहाईड्रेट,प्रोटीन, वसा, खनिज पदार्थ कैल्शियम, फॉस्फोरस, लोहा, रेशा तथा विटामिन्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते है। बगैर टमाटर के सब्जी और सलाद का जायका नहीं बन सकता है। टमाटर और भिन्डी की खेती देश में वर्ष भर की जाती है। किसानों के खेतों पर अब लाल टमाटर और हरी भिन्डी के अलावा विदेशों
में धूम मचाने वाले काले टमाटर और लाल भिन्डी की उम्दा फसल लहलहाएगी। पिछले वर्ष से देश के कुछ
चुनिन्दा किसान इनकी खेती करने लगे है। आकर्षक रंग, लाजवाब स्वाद एवं स्वास्थवर्धक होने के कारण काले
टमाटर और लाल भिन्डी को बाजार में उच्च कीमत मिलने के कारण इन नवोदित किस्मों की खेती कर किसान भाई ख़ासा मुनाफा कमा सकते है ।
काले
टमाटर
अभी तक हमने हरे एवं लाल टमाटर फल देखे है परन्तु अब किसानों के खेत, बाजार और रसोई में काले टमाटर देखने को मिल जायेंगे।
काले
टमाटर यानि इंडिगोरोज टोमेटो की पहली नर्सरी यूरोप में तैयार की गई थी। इंडिगो रोज
रेड और बैगनी टमाटर के बीजों को आपस में मिलाकर एक नया बीज तैयार किया गया जिससे काला टमाटर विकसित हुआ। यह बाहर से काला और
अन्दर से लाल होता है। एन्थोसायनिन (बैगनी पिगमेंट) की अधिकता के कारण इस टमाटर के छिलके का रंग काला होता है। प्रारम्भ में इसका फल हरा होते है जो पकने पर नीला-काला हो जाता है। कच्चा खाने में यह न ज्यादा खट्टा और न ज्यादा मीठा, बल्कि
इसका स्वाद नमकीन जैसा होता है।
एक अध्ययन के मुताबिक इस किस्म के फल अनेक प्रकार की बीमारियों से लड़ने में कारगर
पाई गए है जैसे कैंसर, मधुमेह, कोलेस्ट्राल आदि। इसके अलावा यह आँखों की रौशनी
बढ़ाने, ह्रदय रोगों से रक्षा करने,मोटापा कम करने में, रक्तचाप के स्तर को कम करने
में भी इस किस्म को उपयोगी समझा जाता है। काले टमाटर में मैग्नेशियम, पोटैशियम जैसे खनिज तत्व पाए जाते है
जो रक्तचाप को नियंत्रित रखते है। शरीर में फ्रीरेडिकल्स सेल्स से लड़ने की क्षमता
काले टमाटर में अधिक होती है।
इसके रस से हार्ट ब्लाकेज को दूर किया जा सकता है। इस किस्म के टमाटर की खेती के लिए
गर्म जलवायु उपयुक्त होती है।
ठन्डे स्थानों पर पौधे ठीक से विकसित नहीं होते है। इस किस्म के टमाटर की बुवाई जनवरी माह में की जाती
है और मार्च-अप्रैल में काले टमाटर प्राप्त होने लगते है। लाल टमाटर की तुलना में
काले टमाटर में सिंचाई की कम आवश्यकता होती है। इस किस्म के बीज ऑनलाइन उपलब्ध है।
काले टमाटर की फसल फोटो साभार गूगल |
लाल
भिन्डी
लाल भिंडी फसल फोटो साभार गूगल |
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